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‘वायरल भोजपुरी’ ने अपने पहले भोजपुरी गीत ‘जीतेगा मेरा इंडिया’ के साथ की धमाके दार एंट्री!

इस वीडियो में मनोज तिवारी, रवि किशन, खेसारी लाल यादव, पवन सिंह जैसी हस्तियां नजर आ रही हैं।

ब्रज पत्रिका। पिछले एक वर्ष में भारत ने कई चुनौतियों का सामना किया है, और साथ ही उन सभी का डटकर मुकाबला भी किया है। आशा, प्रकाश और सकारात्मकता की किरण के साथ भारतीयों को नई उड़ान देने और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से, भोजपुरी सुपर स्टार्स एक उत्साही गीत के माध्यम से साथ आए हैं, जिसकी इस समय वाकई में आवश्यकता है।

‘जीतेगा मेरा इंडिया’ में इंडस्ट्री के प्रमुख सुपर स्टार्स शामिल हैं, जिसके अंतर्गत मनोज तिवारी, रवि किशन, खेसारी लाल यादव, पवन सिंह, रानी चटर्जी, काजल राघवानी, अक्षरा सिंह, शिवम बिहारी, दिनेश लाल निरहुआ और आम्रपाली दुबे, भारत के अटूट हौसले का जश्न मना रहे हैं। दीपेश गोयल द्वारा निर्देशित यह म्यूजिक वीडियो इन हस्तियों के प्रयासों से प्रेरित है। इस गीत को हमारे पसंदीदा सितारों द्वारा उनके घरों में ही शूट किया गया है, जो इसे इस कठिन समय में एक आदर्श गीत बनाता है।

रितेश पांडे, शिवम बिहारी, रिनी चंद्रा, मोहन राठौर और विनय विनायक द्वारा गाया गया और त्रिदीबरमन के सार्थक लिरिक्स के साथ यह गीत अपने आप में बेहद खूबसूरत है, और साथ ही सकारात्मक होने का संदेश देता है।

‘जीतेगा मेरा इंडिया’ गीत कभी न देखी गई अवधारणा को प्रखर रखता है।

रिलीज़ पर अपने विचार रखते करते हुए पवन सिंह ने कहा,

“कौन माई का लाल पैदा हुआ है जो हमारी उम्मीदों को, हमारे हौसलों को हरा पाएगा, हम सब मिल जुल कर हरायेंगे जो हमारे रास्ते में आएगा, चाहे वह कोरोना हो या कोरोना का बाप, जीतेगा तो मेरा इंडिया! जय हिंद!!”

म्यूजिक वीडियो के बारे में बात करते हुए अक्षरा सिंह कहती हैं,

“हर अंधेरी रात के बाद एक नयी सुबह ज़रूर आती है, यह वही सुबह है जो हमारी देहरी पर दस्तक दे रही है, भोर की इस पहली रोशनी का तिलक कर जीतेगा मेरा इंडिया।”

रितेश पाण्डेय कहते हैं,

“हौसला तो हमारे खून में दौड़ता है, चाहे कितनी भी आयें मुश्किलें जीतेगा तो मेरा इंडिया!!”

रिलीज पर टिप्पणी करते हुए गायक तथा संगीतकार विनय विनायक कहते हैं,

“जब मैंने अपनी आँखें खोलीं तो आसपास हर तरफ़ संगीत के सुर बिखरे थे, माँ की लोरियों में, डैड की थपकियों में बस संगीत बसता था, संगीत मुझे भले विरासत में मिला हो क्योंकि मेरे पिता श्री राजकुमार विनायक एक नामचीन गायक हैं; पर मैंने अपनी संगीत साधना में कभी कोई कमी नहीं आने दी। एक पंजाबी परिवार में जन्म लेने के बावजूद लगता है जैसे भोजपुरी मेरी रगों में दौड़ती है। कोरोना काल में जब मन का अंधेरा गहरा रहा था तो एक दिन मेरे मन में इस विचार ने जन्म लिया कि ऐसा क्या किया जाए कि करोड़ों बुझे दिलों में आशा की नयी जोत जगाई जा सके, उसी वक़्त मैंने अपने मित्र त्रिदी बरमण को फोन किया, एक दिन के अंदर उन्हें यह गाना लिखने को प्रेरित किया और आज ये हम आपके सामने है! अगर यह गीत आपके जज़्बे को नए मायने दे सकी तो समझूँगा हम सब का प्रयास सफल है!”

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