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केंद्रीय मत्स्य पालन, पशु पालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह की अध्यक्षता में विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन

मंत्री गिरिराज सिंह ने डेयरी क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार, गोपाल रत्न पुरस्कार शुरू करने की घोषणा की।

उमंग प्लेटफॉर्म के साथ ई- गोपाला ऐप के एकीकरण की भी घोषणा।

पिछले 6 वर्षों के दौरान दुग्ध उत्पादन 6.3 प्रतिशत प्रति वर्ष की औसत वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ा है-गिरिराज सिंह

डेयरी क्षेत्र 8 करोड़ से अधिक डेयरी किसानों की आजीविका का स्रोत-गिरिराज सिंह

ब्रज पत्रिका। विश्व दुग्ध दिवस के अवसर पर केंद्रीय मत्स्य पालन पशु पालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह की अध्यक्षता में वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। हर साल पहली जून को विश्व दुग्ध दिवस के रूप में मनाया जाता है।

मंत्री जी ने डेयरी क्षेत्र के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार, गोपाल रत्न शुरू करने की घोषणा की। जिसकी तीन श्रेणियां हैं-

1) सर्वश्रेष्ठ डेयरी किसान।
2) सर्वश्रेष्ठ कृत्रिम गर्भाधान तकनीशियन (एआईटी)।
3) सर्वश्रेष्ठ डेयरी सहकारी / दुग्ध उत्पादक कंपनी / एफपीओ।

उन्होंने उल्लेख किया कि पात्र किसान/डेयरी सहकारी समितियां/एआई तकनीशियन पुरस्कार के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं और पुरस्कार के लिए पोर्टल 15 जुलाई 2021 से खुलेगा। पुरस्कार के लिए विजेताओं की घोषणा 31 अक्टूबर 2021 को की जाएगी।

उन्होंने उमंग प्लेटफॉर्म के साथ ई-गोपाला ऐप के एकीकरण की भी घोषणा की, ताकि उमंग प्लेटफॉर्म के 3.1 करोड़ उपयोगकर्ताओं को ऐप तक पहुंच प्राप्त हो सके। ई-गोपाला ऐप (उत्पादक पशुधन के माध्यम से धन का सृजन) एक व्यापक नस्ल सुधार बाज़ार और किसानों के प्रत्यक्ष उपयोग के लिए सूचना पोर्टल प्रधानमंत्री द्वारा 10 सितंबर 2020 को लॉन्च किया गया था।

इस अवसर पर बोलते हुए, केंद्रीय मत्स्य पालन पशु पालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि,

“भारत डेयरी देशों में एक वैश्विक लीडर है और 2019-20 के दौरान 198.4 मिलियन टन दूध का उत्पादन किया। 2018-19 के दौरान दूध के उत्पादन का मूल्य वर्तमान कीमतों पर 7.72 लाख करोड़ रुपये से अधिक है, जो गेहूं और धान के कुल उत्पादन के मूल्य से भी अधिक है।”

मंत्री श्री सिंह ने यह भी उल्लेख किया कि पिछले 6 वर्षों के दौरान दुग्ध उत्पादन 6.3 प्रतिशत प्रति वर्ष की औसत वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ा है, जबकि विश्व दुग्ध उत्पादन 1.5 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बढ़ रहा है। दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धता 2013-14 में जहां 307 ग्राम थी, वह बढ़कर 2019-2020 में 406 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रति दिन हो गई है, जो कि 32.24 प्रतिशत की वृद्धि है।

गिरिराज सिंह ने आगे कहा कि,

“हमारा डेयरी क्षेत्र 8 करोड़ से अधिक डेयरी किसानों को आजीविका प्रदान करता है, इसमें मुख्य रूप से छोटे, सीमांत और भूमिहीन किसान हैं। देश की डेयरी सहकारी समितियों को अपनी बिक्री का औसतन पचहत्तर प्रतिशत किसानों को प्रदान करती है, और 2 करोड़ से अधिक डेयरी किसान डेयरी सहकारी समितियों में संगठित हुए और 1.94 लाख डेयरी सहकारी समितियां गांवों से दूध एकत्र कर रही हैं।”

वर्चुअल कार्यक्रम को मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्यमंत्री डॉ. संजीव कुमार बालयान और प्रताप चंद्र सारंगी ने भी संबोधित किया। इस कार्यक्रम में वस्तुतः किसानों, डेयरी संघों के सदस्यों, डेयरी सहकारी समितियों, अनुसंधान विद्वानों, प्रशासकों आदि ने भाग लिया।

उद्घाटन कार्यक्रम के बाद ‘आनुवंशिक उन्नयन कार्यक्रम में नस्ल सुधार प्रौद्योगिकियों की भूमिका’ पर तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया, इस सत्र में कई प्रतिष्ठित विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों ने भाग लिया।

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