UA-204538979-1

कानपुर सर्राफा समिति के सदस्यों के लिए जी.आई.ए. इंडिया नॉलेज वेबिनार ऑफर करता है

‘नवरत्न’ विषय के संबंध में जानकारी पाने के लिए प्रतिभागियों ने वेबिनार में भाग लिया।

ब्रज पत्रिका, कानपुर। जी.आई.ए. इंडिया द्वारा कानपुर सर्राफा समिति के सदस्यों के लिए ‘नवरत्न’ नॉलेज वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमें उन्होंने इन नौ रत्नों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त की। जी.आई.ए. इंडिया के भावी नॉलेज वेबिनार्स के संबंध में नवीनतम जानकारी प्राप्त करने के लिए +91-22-68493960 पर कॉल करें।

जी.आई.ए. इंडिया की इंस्ट्रक्टर (प्रशिक्षक) नीतू जोशी द्वारा उन नौ रत्नों के बारे में गहरी जानकारी प्रदान की गई जो भारतीय ज्योतिष के खगोलीय संरचनाओं को दर्शाते हैं: सूर्य (माणिक), चंद्रमा (मोती), बुध (पन्ना), मंगल (मूंगा), बृहस्पति (पीला पुखराज या टोपाज़), शुक्र (हीरा), शनि (नीलम) और राहु (गोमेद) तथा केतु (लहसुनिया)।

सत्येन्द्र वर्मा (महासचिव, कानपुर सर्राफा समिति) ने कहा कि,

“हमारे सदस्य कई वर्षों से रत्न और आभूषण उद्योग का हिस्सा रहे हैं, लेकिन फिर भी हमने यह देखा कि जी.आई.ए. इंडिया का नवरत्न से संबंधित नॉलेज वेबिनार आई-ओपनर (आंखें खोलने वाला) साबित हुआ। वेबिनार में अनेक रूचिकर तथ्यों को कवर किया गया और हमारे प्रश्नों के सही-सही उत्तर दिए गए। मुझे विश्वास है कि वेबिनार से सीखी गई जानकारी से हमें ग्राहकों के साथ इन नौ रत्नों के बारे में सही-सही जेमोलॉजिकल जानकारी साझा करने में मदद मिलेगी। हम जी.आई.ए. इंडिया के आभार व्यक्त करते हैं और उम्मीद करते हैं कि हम ऐसे ही और अनेक जानकारी युक्त वेबिनारों का हिस्सा बन सकेंगे।”

अपूर्व देशिंगकर (सीनियर डायरेक्टर – सेल्स, जी.आई.ए. इंडिया) ने कहा कि,

“इतनी बड़ी संख्या में सहभागिता को देखना अच्छा लगा और हम कानपुर सर्राफा समिति के आभारी है। जी.आई.ए. के लगभग 90 वर्षों के जेमोलॉजिकल रिसर्च के कारण, रत्न और आभूषण उद्योग के सदस्यों के पास इतनी गहरी जानकारी उपलब्ध हो पाई है, और इससे उन्हें विश्वास के साथ खरीददारी और बेचने में सहायता मिलेगी।”

जी.आई.ए. इंडिया के प्रबंध निदेशक श्रीराम नटराज़न ने कहा कि,

“भारतीय संस्कृति में नवरत्नों को बहुत अधिक महत्व है और ऐसा माना जाता है कि इनसे धारण करने वालों को लाभ मिलता है जिसमें स्वास्थ्य, सम्पदा, मानसिक बल और बुद्धिमत्ता की प्राप्ति होना भी शामिल है। जी.आई.ए. द्वारा विभिन्न जेमोलॉजिकल विषयों पर शोध किया जाता है और हमें ट्रेड के साथ नवरत्नों के बारे में जानकारी साझा करने में खुशी प्राप्त होती है। हम जी.आई.ए. इंडिया को जागरूकता का प्रचार-प्रसार करने और रत्न और आभूषण उद्योग में ग्राहक का विश्वास सृजित करने में अवसर प्रदान करने के लिए एसोसिएशन के आभारी हैं।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!