प्रधानमंत्री ने ‘असोम माला’ का शुभारंभ किया और असम में दो अस्पतालों की आधारशिला भी रखी
*अष्युमान भारत योजना से असम के 1.25 करोड़ लोग लाभान्वित हो रहे हैं – प्रधानमंत्री
*प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय चाय की छवि खराब करने की साजिश सफल नहीं होगी
*असोम माला परियोजना असम के सभी गांवों के लिए चौड़ी सड़कें और संपर्क का नेटवर्क स्थापित होने के सपनों को पूरा करेगी।
ब्रज पत्रिका। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने असम के सोनितपुर जिले के ढेकियाजुली में दो अस्पतालों की आधारशिला रखी और असम के राज्य राजमार्गों तथा प्रमुख जिला सड़कों के निर्माण के लिए एक कार्यक्रम असोम माला का शुभारंभ किया। असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, केन्द्रीय मंत्री रामेश्वर तेली, असम सरकार के मंत्री तथा बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र के प्रमुख प्रमोद बोरो भी इस अवसर पर मौजूद थे।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने असम के लोगों द्वारा उनके प्रति दिखाए गए स्नेह के लिए आभार व्यक्त किया।
उन्होंने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल, मंत्री हेमंता बिस्वा, बोडोलैंड प्रादेशिक क्षेत्र के प्रमुख प्रमोद बोरो और राज्य सरकार की असम की सेवा और तेजी से प्रगति के लिए उनकी भूमिका की सराहना की। उन्होंने 1942 में आक्रमणकारियों के सामने इस क्षेत्र द्वारा किए गए प्रतिरोध और तिरंगे के लिए शहीदों के बलिदान के गौरवशाली इतिहास को स्मरण किया।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि,
“हिंसा, अभाव, तनाव, भेदभाव और संघर्ष की विरासत को पीछे छोड़ते हुए पूरा पूर्वोत्तर आज विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है और इसमें असम मुख्य भूमिका अदा कर रहा है। ऐतिहासिक बोडो समझौते के बाद बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद के हालिया चुनाव ने इस क्षेत्र में विकास और विश्वास का एक नया अध्याय लिखा है। यह दिवस असम के भाग्य और भविष्य में महत्वपूर्ण बलिदान का साक्षी है क्योंकि असम को बिश्वनाथ और चराईदेव में दो नए मेडिकल कॉलेज का उपहार मिल रहा है और असोम माला के माध्यम से आधुनिक बुनियादी ढांचे की आधारशिला रखी जा रही है।”
विगत में राज्य में चिकित्सा बुनियादी ढांचे की खराब हालत को याद करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि,
“उस समय असम में स्वतंत्रता प्राप्ति से लेकर वर्ष 2016 तक की अवधि में केवल 6 मेडिकल कॉलेज थे, जबकि पिछले 5 वर्षों में 6 नए मेडिकल कॉलेजों के निर्माण का काम शुरू हो गया है। बिश्वनाथ और चराईदेव मेडिकल कॉलेज उत्तर और ऊपरी असम की जरूरत को पूरा करेंगे। इसी प्रकार इन दो नए मेडिकल कॉलेज शुरू होने के बाद राज्य में केवल 725 मेडिकल सीटों की पृष्ठभूमि में हर साल 1600 नए डॉक्टर उपलब्ध होंगे। इससे राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों में भी चिकित्सा सुविधाओं में महत्वपूर्ण सुधार होगा। गुवाहाटी एम्स का कार्य तेज गति से चल रहा है और संस्थान में पहला बैच शुरू हो गया है। एम्स का काम अगले डेढ़ से दो साल में पूरा हो जाएगा।”
उन्होंने असम की समस्या के प्रति ऐतिहासिक उदासीनता का उल्लेख किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार पूरे समर्पण भाव से काम कर रही है। प्रधानमंत्री ने असम के लोगों की चिकित्सा संबंधी जरूरतों को पूरा करने के प्रयास को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि,
“आयुष्मान भारत योजना से असम के 1.25 करोड़ लोग लाभान्वित हो रहे हैं क्योंकि 350 से अधिक अस्पतालों को इस योजना में शामिल किया गया है। आयुष्मान भारत के तहत असम के लगभग डेढ़ लाख गरीब लोगों का मुफ्त इलाज किया गया है। राज्य में लगभग 55 लाख लोगों ने राज्य में स्थापित स्वास्थ्य और कल्याण केन्द्रों में प्राथमिक स्वास्थ्य उपचार का लाभ उठाया है। जनौषधि केन्द्र, अटल अमृत योजना और प्रधानमंत्री डायलिसिस कार्यक्रम आम आदमी के जीवन में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने असम में चाय बागानों की केन्द्रीयता का भी उल्लेख करते हुए कहा कि,
“धन पुरस्कार मेला योजना के तहत कल चाय बागानों के 7.5 लाख मजदूरों के खातों में करोड़ों रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। गर्भवती महिलाओं की विशेष योजना द्वारा मदद की जा रही है। श्रमिकों की देखभाल के लिए चाय बागानों में विशेष चिकित्सा इकाइयां भेजी जाती हैं। इन्हें मुफ्त दवाइयां भी उपलब्ध कराई जाती हैं। इस साल के बजट में चाय श्रमिकों के कल्याण के लिए 1000 करोड़ रुपये की योजना की भी घोषणा की गई है।”
प्रधानमंत्री ने भारतीय चाय की छवि खराब करने की साजिश का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा,
“ऐसे दस्तावेज सामने आए हैं जहां कुछ विदेश स्थित ताकतें भारत की चाय की पहचान पर हमला करने की योजना बना रही हैं।”
असम की भूमि से प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि,
“इन साजिशों को सफल नहीं होने दिया जाएगा और लोग इन षडयंत्रकारियों और इनका समर्थन करने वालों से जवाब मांगेंगे। हमारे चाय मजदूर इस लड़ाई में विजयी होंगे। भारतीय चाय पर हो रहे इन हमलों में हमारे चाय बागानों के श्रमिकों की कड़ी मेहनत का मुकाबला करने की शक्ति नहीं है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि,
“असम की बढ़ती हुई क्षमताओं में आधुनिक सड़कों और बुनियादी ढांचे की मुख्य भूमिका है। इसे ध्यान में रखते हुए ‘भारत माला परियोजना’ के अनुरूप ‘असोम माला’ शुरू की गई है।”
उन्होंने कहा कि, पिछले कुछ वर्षों के दौरान राज्य में हजारों किलोमीटर लंबी सड़कों और अनेक पुलों का निर्माण हुआ है। उन्होंने उम्मीद जाहिर की कि असोम माला परियोजना असम के सभी गांवों के लिए चौड़ी सड़कें और संपर्क का नेटवर्क स्थापित होने के सपनों को पूरा करेगी। ये कार्य आने वाले दिनों में नई गति प्राप्त करेंगे क्योंकि इस बजट में तेज गति और विकास के लिए बुनियादी ढांचे के बारे में अप्रत्याशित रूप से जोर दिया गया है।