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‘कला उत्सव’ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को सही दिशा और आकार देकर उनके दृष्टिकोण को साकार करता है-रमेश पोखरियाल ‘निशंक’

केन्द्रीय शिक्षा मंत्री ने कला उत्सव 2020 के समापन समारोह को संबोधित किया।

ब्रज पत्रिका। केन्द्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने ‘कला उत्सव-2020’ के समापन समारोह को संबोधित किया। श्री पोखरियाल ने समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि, कला उत्सव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना को सही दिशा और आकार देकर उनके दृष्टिकोण को साकार करता है।

उन्होंने कला उत्सव में स्वदेशी खिलौनों और खेल के खंड की शुरुआत करने की सराहना की और इस बात पर जोर दिया कि यह ‘वोकल फॉर लोकल’ को प्रोत्साहन देता है।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पर बोलते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि,

“यह नीति शिक्षा के जरिए कला और संस्कृति को बढ़ावा देने पर जोर देती है। कला उत्सव 2020 ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के सुझावों को भी शामिल किया है। छात्र, जब किसी भी प्रकार की कला से जुड़ते हैं, तो अपनी कल्पना का उपयोग करते हैं एवं उसे साकार करने की कोशिश करते हैं और अपना जीवन लगाकर उसे हकीकत में बदलते हैं। कला उत्सव इस प्रक्रिया को एक अवसर प्रदान करता है। इस तरह के अवसर छात्रों के तर्कशक्ति, समझदारी, समस्या को सुलझाने, संज्ञानात्मक और निर्णायक क्षमताओं को बढ़ाते हैं जो छात्र के सर्वांगीण विकास में सहायक होते हैं।”

श्री पोखरियाल ने वर्चुअल माध्यम से सभी प्रतिभागियों और आयोजकों को इस तरह के दिलचस्प प्रदर्शनों के लिए बधाई दी, जो कि इस वर्ष प्रतिकूल परिस्थितियों में यह एक ऐसी उपलब्धि है जिसे कुछ महीने पहले तक अकल्पनीय माना जा रहा था। उन्होंने अपनी खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि अद्वितीय उत्साह के साथ सभी राज्यों की सर्वसम्मत भागीदारी एक बार फिर साबित करती है कि भारत एकता और विविधता का प्रतीक है जो उसकी विशेषता और ताकत का स्त्रोत भी है।

कला उत्सव 2020 के बारे में-

कला उत्सव 2020 का 10 जनवरी 2021 को एक डिजिटल प्लेटफार्म के माध्यम से ऑनलाइन शुभारंभ किया गया। कला उत्सव 2020 में कुल 35 टीमों ने भाग लिया, जिसमें विभिन्न राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों, केंद्रीय विद्यालय संगठन और नवोदय विद्यालय समिति स्कूल के 576 छात्रों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इन प्रतिभागियों में 287 लड़कियों और 289 लड़कों ने कला उत्सव 2020 में भाग लिया, जिसमें 4 दिव्यांग प्रतिभागी भी शामिल थे। स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद ने सराहनीय कार्य किया। उनके अथक प्ररिश्रम से कला उत्सव 2020 कोविड-19 की परिस्थितियों में भी सफल रहा।

कला उत्सव 2020 की प्रतियोगिताओं में,जो कि 11 से 22 जनवरी 2021 के दौरान आयोजित की गयीं, उसमें 9 कलाएं थीं -1. शास्त्रीय गायन, 2. पारंपरिक लोक गीत, 3. शास्त्रीय वाद्य-यंत्र, 4. पारंपरिक/लोक वाद्य-यंत्र, 5. शास्त्रीय नृत्य, 6. लोक नृत्य, 7. दृश्य कला (द्वि-आयामी), 8. दृश्य कला (त्रि-आयामी), 9. स्थानीय खेल-खिलौने शामिल थे। पहले कला उत्सव में केवल चार कलाओं को शामिल किया गया था, अब इसमें पांच अन्य कलाओं को भी शामिल किया गया है।

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