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किसान आंदोलन में नक्सल से जुड़े लोग घुसे हैं-पीयूष गोयल

-क्या राहुल गाँधी जी ये बता सकते हैं कि वो एमएसपी का क़ानून क्यों नहीं लाए-पीयूष गोयल

-पीयूष गोयल ने कहा, पूरी तरह से पश्चिम बंगाल में क़ानून व्यवस्था बिखर चुकी है। वहाँ की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है, दिन दिहाड़े रोज भाजपा के नेता और कार्यकर्ताओं पर हमले होते हैं, उनको मारा जा रहा है।

ब्रज पत्रिका। किसान आंदोलन पर प्रतिक्रिया करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि जब कानून बनते हैं तो कुछ सोच समझ कर, देश में क्या-क्या तकलीफें है, उसे देखकर बनाया जाता है। न्यूज़-18 इंडिया से ख़ास बातचीत में उन्होने कहा कि, देश के करोड़ों किसानों का लाभ हो, उसके हिसाब से कानून बना है, अगर कोई बोले कि मैं कह रहा हूँ कि कानून वापस ले लो, मैं कोई चर्चा नहीं करूंगा, तो इसका क्या मतलब है?

पीयूष गोयल के अनुसार किसान आंदोलन में नक्सलों की मिली भगत है। उन्होने कहा कि किसानो के कंधों पर माओवादी ओर नक्सल लोगों की कोशिश है कि मोदी सरकार द्वारा लाए गये अच्छे क़ानूनों को रद्द करवायें किसी तरीके से। पीयूष गोयल ने कहा,

“उनको किसानों के हित से कुछ लेना देना नहीं है। नक्सल मूवमेंट कहता है कि ओवर-थ्रो गवर्नमेंट। ये अल्ट्रा-लेफ्ट मूवमेंट हैं।” उनके अनुसार किसान तो पूरे देश मे किधर भी खड़ा नहीं हुआ है। यहाँ पर कुछ लोगों को भ्रमित किया जा रहा है, ग़लत रास्ते पर लेके जाया जा रहा है। ये आंदोलन किसानों के हाथ से निकल चुका है और नक्सल और माओवादी इसे चला रहे हैं। जो सँस्थाए वहाँ बैठीं हैं और उसमें जो नक्सल और माओवादी लोग हैं वो दूसरों को बोलने भी नहीं देते, चर्चा भी नहीं करने देते। आख़िर कुछ मुद्दे होते तो चर्चा से समाधान निकल सकता था पर अब तो कोई मुद्दे रहे नहीं तब भी वो बातचीत नहीं बस क़ानून रिपील करने की बात कर रहे हैं। लेफ्टिस्ट और माओइस्ट और नक्सल ने इस आंदोलन को हाइजैक कर लिया है।”

राहुल गाँधी भी लगातार सरकार पर हमला बोल रहे हैं, इस पर जवाब देते हुए पीयूष गोयल ने कहा कि,

“क्या राहुल गाँधी जी ये बता सकते हैं कि वो एमएसपी का क़ानून क्यों नहीं लाए? “केरला मे इतनी बार उनकी सरकार आई, पर उन्होने वहाँ एपीएमसी एक्ट क्यों लागू नहीं किया? देश में भारत बंद क्यों नहीं करवा पाए आठ को ओर 14 को। राहुल गाँधी ने 2019 मे खुद की पार्टी का मॅनिफेस्टो ही नहीं पढ़ा है। राहुल गाँधी जी ने फार्म हाउस देखे हैं, फार्म नहीं देखे।”

पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा पर बात करते हुए उन्होने कहा कि इस देश मे पहली बार ऐसा हुआ है की लोकतांत्रिक व्यवस्था मे देश की सबसे बड़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के काफ़िले पर जानलेवा हमला हुआ है, पीयूष गोयल ने कहा कि,

“पूरी तरह से पश्चिम बंगाल में क़ानून व्यवस्था बिखर चुकी है। वहाँ की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है, दिन दिहाड़े रोज भाजपा के नेता और कार्यकर्ताओं पर हमले होते हैं, उनको मारा जा रहा है। 100 से अधिक भाजपा कार्यकर्ताओं का कत्ल हो चुका है। वहाँ बहुत ही शर्मनाक स्थिति है, ओर संवैधानिक अधिकार का पूर्ण विघटन की स्थिति बन गई है। भाजपा की सरकार अब पश्चिम बंगाल में आनी चाहिए।”

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