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देश की सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भर बनेंगे, देश की तरफ आँख उठाने वालों को करारा जवाब देंगे-नरेंद्र मोदी

ब्रज पत्रिका। शनिवार, 15 अगस्त 2020 को देशभर में 74वां स्वतंत्रता दिवस हर जगह धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर सरकारी इमारतों पर तिरंगा ध्वज फहराया गया वहीं इस खुशी के मौके पर मिष्ठान वितरण भी किया गया, कोरोना के चलते लोगों ने सार्वजनिक कार्यक्रमों में हिस्सा तो नहीं लिया मगर सोशल मीडिया के जरिये ही एक-दूसरे को शुभकामनाएं देकर अपनी खुशियों को साझा किया।

इस मौके पर सरकारी दफ्तरों और अन्य सरकारी इमारतों पर विद्युत सजावट भी करायी गयी थी। लोगों ने अपने भवनों पर भी सजावट की ।अगर कोरोना महामारी के चलते इस वर्ष ये उत्साह थोड़ा ठंडा ही दिखा। देशभक्ति के तराने भी नहीं गूँजे, वर्ना खुशी के इस मौके पर देश के हर नगर और गांव में रिहाइशी व व्यावसायिक इलाकों में 15 अगस्त के दिन देशभक्ति के तराने भी गूँजते थे।

74वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लालकिले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित किया। चिरपरिचित अंदाज़ में चित्ताकर्षक केसरिया और क्रीम कलर का साफा बांधे हुए प्रधानमंत्री आधी बाजू के कुर्ता और पाजामा में 15 अगस्त को लालकिले पर पहुँचे थे।

74 वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा,

“मेरे प्‍यारे देशवासियो,
आजादी के इस पावन पर्व की सभी देशवासियों को बधाई और बहुत-बहुत शुभकामनाएं।
आज जो हम स्‍वतंत्र भारत में सांस ले रहे हैं, उसके पीछे मां भारती के लाखों बेटे-बेटियों, उनका त्‍याग, उनका बलिदान और मां भारती को आजाद कराने के संकल्‍प के प्रति उनका समर्पण, आज ऐसे सभी हमारे स्वातंत्र्य सेनानियों को, आजादी के वीरों को, रणबांकुरों को, वीर शहीदों को नमन करने का यह पर्व है।
हमारे फौज के जांबाज जवान, हमारे अर्धसैनिक बल, हमारे पुलिस के जवान, सुरक्षा बल से जुड़े हुए, हर कोई मां भारती की रक्षा में जुटे रहते हैं। आज उन सबको हृदयपूर्वक, आदरपूर्वक स्‍मरण करने का, उनके महान त्‍याग, तपस्‍या को नमन करने का पर्व है।
एक नाम और श्री अरविंद घोष, क्रांतिदूत से लेकर अध्‍यात्‍म की यात्रा, आज उनके संकल्‍प, उनकी जन्‍मजयंती है। हमें उनके संकल्‍पों को- हमारे संकल्‍पों को पूर्ण करने को उनकी तरफ से आशीर्वाद बना रहे। हम एक विशेष परिस्थिति से गुजर रहे हैं। आज छोटे-छोटे बालक मेरे सामने नजर नहीं आ रहे हैं- भारत का उज्‍ज्वल भविष्‍य। क्‍यों? कोरोना ने सबको रोका हुआ है।
इस कोरोना के कालखंड में लक्षावधि कोरोना वारियर्स चाहे डॉक्टर्स हों, नर्सेज हों, सफाईकर्मी हों, एम्बुलेंस चलाने वाले लोग हों…किस-किस के नाम गिनाऊंगा। उन लोगों ने इतने लंबे समय तक जिस प्रकार से ‘सेवा परमो धर्म:’ इस मंत्र को जी करके दिखाया है, पूर्ण समर्पण भाव से मां भारती के लालों की सेवा की है, ऐसे सभी कोरोना वारियर्स को भी मैं आज नमन करता हूं।
इस कोरोना के कालखंड में, अनेक हमारे भाई-बहन इस कोरोना के संकट में प्रभावित हुए हैं। कई परिवार प्रभावित हुए हैं। कईयों ने अपनी जान भी गंवाई है। मैं ऐसे सभी परिवारों के प्रति अपनी संवेदनशीलता प्रकट करता हूं… और इस कोरोना के खिलाफ मुझे विश्‍वास है 130 करोड़ देश‍वासियों की अदम्‍य इच्‍छा शक्ति, संकल्‍प शक्ति हमें उसमें भी विजय दिलाएगी और हम विजयी होकर रहेंगे।
मुझे विश्‍वास है कि पिछले दिनों भी हम एक प्रकार से अनेक संकटों से गुजर रहे हैं। बाढ़ का प्रकोप खासकर कि नार्थ-ईस्ट, पूर्वी भारत, दक्षिण भारत, पश्चिमी भारत के कुछ इलाके, कई लैंडस्लाइड – अनेक दिक्‍कतों का सामना लोगों को करना पड़ा है। अनेक लोगों ने अपनी जान गंवाई है। मैं उन परिवारों के प्रति भी अपनी संवेदना व्यक्‍त करता हूं…और राज्‍य सरकारों के साथ कंधे से कंधा मिला करके – ऐसी संकट की घड़ी में हमेशा देश एक बनकर के – चाहे केंद्र सरकार हो, चाहे राज्‍य सरकार हो, हम मिल करके तत्‍काल जितनी भी मदद पहुंचाने का प्रयास कर सकते हैं, सफलतापूर्वक कर रहे हैं।
मेरे प्‍यारे देशवासियो, आजादी का पर्व, हमारे लिए यह स्‍वतंत्रता का पर्व, आजादी के वीरों को याद कर-करके नए संकल्‍पों की ऊर्जा का एक अवसर होता है। एक प्रकार से हमारे लिए ये नई प्रेरणा लेकर के आता है, नई उमंग, नया उत्‍साह लेकर के आता है…और इस बार तो हमारे लिए संकल्‍प करना बहुत आवश्‍यक भी है, और बहुत शुभ अवसर भी है क्‍योंकि  अगली बार जब हम आजादी का पर्व मनाएगें, तब हम 75वें वर्ष में प्रवेश करेंगे। ये अपने-आप में एक बहुत बड़ा अवसर है और इसलिए आज, आने वाले दो साल के लिए बहुत बड़े संकल्‍प ले करके हमें चलना है- 130 करोड़ देशवासियों को चलना है। आजादी के 75वें वर्ष में जब प्रवेश करेंगे और आजादी के 75 वर्ष जब पूर्ण होंगे, हम हमारे संकल्‍पों की पूर्ति को एक महापर्व के रूप में भी मनाएगें…”

उन्होंने अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में देश के विकास के लिए कई अहम योजनाओं की भी घोषणा की, उन्होंने कहा कि अब देश के हर नागरिक के पास एक हैल्थ आईडी होगी यानि एक हैल्थ कार्ड भी होगा। जिसमें उसका समस्त स्वास्थ्य संबंधित ब्यौरा होगा, पर्चे का झंझट खत्म हो जाएगा, डॉक्टर को उसका नंबर बताते ही पूरी हैल्थ हिस्ट्री खुल जाएगी जिससे इलाज़ में आसानी होगी और परफेक्ट इलाज़ भी हो सकेगा।

उन्होंने कहा कि अब सीमावर्ती इलाकों में देशभक्ति का जज़्बा जागते हुए करीब एक लाख एनसीसी कैडेट्स की भर्ती की जाएगी। जिनमें छात्रों के अलावा छात्राएं भी होंगी। देश में 1000 दिन में हर गाँव तक अब ऑप्टिकल फाइबर केबिल बिछाने का काम किया जाएगा, ताकि हर गाँव में इंटरनेट एवं कम्युनिकेशन के आधुनिक साधन सहज ही सुलभ करा सकें। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ‘नल से पानी सबको’ मिशन के तहत अब देश के अंदर 110 लाख करोड़ रुपये की लागत से ‘पाइप लाइन योजना’ भी पूरी की जाएगी ताकि देश के हर एक व्यक्ति तक इस पाइप के द्वारा पेयजल पहुँचाया जा सके।

उन्होंने कहा कि देश की तरफ आंख उठाने वालों को देश ने करारा जवाब दिया है। देश की सीमाओं की रक्षा करने में देश सक्षम है। हमने देश को सुरक्षा के मामले में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी कदम उठाते हुए कुछ सैन्य सामानों के आयात पर पाबन्दी इसीलिए लगाई है ताकि स्वदेशी सैन्य उपकरणों को ही खरीदें, साथ ही अब उन्हें और तकनीकी रूप से बेहतर बनाकर देश की सुरक्षा के मामले में भी आत्मनिर्भर बन सकें।

इस करीब 83 मिनट के भाषण में उन्होंने कई योजनाओं की घोषणा भी की, अपने संबोधन के अंत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन शब्दों के साथ अपने संबोधन को विराम दिया,

“…आज भारत ने असाधारण गति से असंभव को संभव किया है। इसी इच्‍छाशक्ति, इसी लगन, इसी जज्‍बे के साथ प्रत्‍येक भारतीय को आगे बढ़ना है।
वर्ष 2022 हमारी आजादी के 75 वर्ष का पर्व अब बस आ ही गया है। हम एक कदम दूर है। हमें दिन-रात एक कर देना है। 21वीं सदी का यह तीसरा दशक हमारे सपनों को पूरा करने का दशक होना चाहिए। कोरोना बड़ी विपत्ति है, लेकिन इतनी बड़ी नहीं कि आत्‍मनिर्भर भारत की विजय यात्रा को रोक पाए।
मैं देख सकता हूं, एक नये प्रभात की लालिमा, एक नये आत्‍मविश्‍वास का उदय, एक नये आत्‍मनिर्भर भारत का शंखनाद। एक बार फिर आप सभी को स्‍वाधीनता दिवस की कोटि-कोटि शुभकामनाएं। आइये मेरे साथ दोनों हाथ ऊपर करके पूरी ताकत से बोलिये –
 
भारत माता की जय,
भारत माता की जय,
भारत माता की जय,
वंदे मातरम्, वंदे मातरम्, वंदे मातरम्,
जय हिंद, जय हिंद।”

 

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