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फ़ोटो पत्रकार ब्रजेश सिंह का निधन, फ़ोटो पत्रकारिता में युवाओं के प्रेरणास्रोत रहेंगे ब्रजेश सिंह

ब्रज पत्रिका, आगरा। वरिष्ठ फ़ोटो पत्रकार ब्रजेश सिंह का 17 जून बुधवार की सुबह निधन हो गया। वह 60 वर्ष के थे। पिछले कई वर्षों से वह कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। बुधवार को अंततः वह जिंदगी की यह जंग हार गए। वह प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक दोनों ही माध्यमों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर इस क्षेत्र में करियर बनाने के ख्वाहिशमंद युवाओं के लिए एक मिसाल बन चुके थे। आगरा में अमर उजाला और एएनआई सहित कई मीडिया संस्थानों से जुड़े रहे थे। इस दौरान उन्होंने फ़ोटो पत्रकारिता के क्षेत्र में अपने प्रेरणादायक काम से एक अच्छी पहचान बना ली थी। जम्मू-कश्मीर, कुम्भ मेला सहित कई पर्यटक स्थलों को लेकर उन्होंने डॉक्यूमेंट्री फिल्में भी बनाई थीं। आगरा के नुनिहाई क्षेत्र में रहने वाले ब्रजेश सिंह के निधन की खबर सुनकर समूचे पत्रकारिता जगत में शोक की लहर व्याप्त हो गयी। जब से वह कैंसर से पीड़ित हुए तब से उनकी हालांकि सक्रियता में कमी जरूर आयी मगर उनके जज़्बे में कोई कमी नहीं दिखती थी। अपने काम को लेकर उनके हौसले बुलंद ही रहते थे। बुधवार को शोकाकुल वातावरण में उनकी अंत्येष्टि फाउंड्री नगर स्थित शमशान पर की गयी। उन्होंने अपने पीछे पत्नी मनीषा, पुत्र देवांश सिंह और पुत्री खुशी सिंह को बिलखते हुए छोड़ा है। उनके निधन पर आगरा के विभिन्न मीडिया संस्थानों से जुड़े पत्रकारों, साहित्यकारों, राजनीतिज्ञों, समाजसेवियों और व्यवसायियों ने शोक जताया है। उनके निधन की सूचना के बाद सोशल मीडिया पर भी उनके शुभचिंतकों, सहकर्मियों और मित्रों ने उनके साथ के अपने-अपने अनुभव साझा करके उनको याद किया और श्रद्धांजलि अर्पित की। खासतौर से वरिष्ठ समाजसेवी हरीश सक्सेना ‘चिमटी’, वरिष्ठ फ़ोटो पत्रकार असलम सलीमी, वरिष्ठ पत्रकार राजीव सक्सेना एवं ब्रजेन्द्र पटेल ने सोशल मीडिया पोस्ट में उनको प्रेरणादायक व्यक्तित्व और कृतित्व का धनी फ़ोटो पत्रकार करार दिया है। मुझे भी उनके साथ अमर उजाला में कार्य करने का यादगार अनुभव रहा। वे काम को लेकर बहुत गंभीर रहते थे और जब तक उसको पूरा नहीं कर लेते थे अपने प्रयासों में जुटे रहते थे। चाहे आगरा में आये हुए किसी सेलेब्रिटी के फ़ोटो करने हों, चाहे किसी राजनीतिज्ञ अथवा वीवीआइपी के और फिर चाहे किसी महत्वपूर्ण घटनाक्रम के और चाहे किसी अव्यवस्था के फ़ोटो करने हों वे उसके लिए जूझकर काम करते थे, जो कि मीडिया में काम कर रहे युवाओं के लिए प्रेरणादायक रहा है।

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