शंख ध्वनि के साथ घंटा बजाकर सत्रहवें ‘मीट एट आगरा’ का हुआ आगाज़
प्रदेश के केबिनेट मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने आयोजन को बताया इंडस्ट्री के लिए पावर बूस्टर।
ब्रज पत्रिका, आगरा। प्रदेश सरकार उद्योगों के लिए ‘एकल खिड़की अधिनियम’ लागू करने की दिशा में गंभीरता से कार्य कर रही है। इसके तहत निवेशकों की सभी समस्याओं का एक ही मंच पर निवारण किया जाएगा। इस व्यवस्था के लिए सॉफ्टवेयर भी विकसित किया जा रहा है, और शीघ्र ही इसके परिणाम सामने आएंगे।

यह जानकारी प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास, निर्यात प्रोत्साहन, एनआरआई एवं निवेश प्रोत्साहन मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने शुक्रवार को मथुरा रोड स्थित ग्राम सिंगना के आगरा ट्रेड सेंटर में आयोजित सत्रहवें ‘मीट एट आगरा’ फुटवियर मेले के उद्घाटन अवसर पर दी। इस अवसर पर सीेएलई के चेयरमैन राजेंद्र कुमार जालान और प्रदेश लघु उद्योग निगम के चेयरमैन राकेश गर्ग विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे।

मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने कहा कि,
“सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी निवेशक जब तक उद्योग स्थापित न कर ले, तब तक उसे पूरा सहयोग प्रदान किया जाए। टीटीजेड क्षेत्र के उद्योगों के लिए भी सरकार प्रभावी पैरवी करेगी।”
उन्होंने कहा कि,
“सप्लाई चेन के ईको सिस्टम में कमी को लेकर उद्यमी अपने सुझाव दें, ताकि उसे सुधारा जा सके। केंद्र सरकार के साथ उद्योग सुधार के लिए निरंतर संवाद जारी है, और प्रदेश सरकार भी इस दिशा में ठोस कदम उठा रही है।”
श्री नंदी ने कहा कि,
“पिछली सरकारों ने औद्योगिक विकास पर ध्यान नहीं दिया, लेकिन वर्ष 2017 के बाद से उत्तर प्रदेश में औद्योगिक विकास की नई इबारत लिखी जा रही है। अब तक राज्य सरकार द्वारा लगभग चार हजार करोड़ रुपये की इंसेंटिव राशि वितरित की जा चुकी है। प्रदेश में सात नए एक्सप्रेस-वे निर्माणाधीन हैं, और शीघ्र ही देश के कुल 50 एक्सप्रेस-वे में से सर्वाधिक एक्सप्रेस-वे यूपी में होंगे।”
उन्होंने कहा कि,
“केंद्र सरकार के प्रयासों से भारत विश्व का ग्रोथ इंजन बन रहा है। जेवर एयरपोर्ट के शीघ्र उद्घाटन की तैयारी है, जिसके लिए प्रधानमंत्री जी से समय मांगा गया है।”
टीटीजेड के उद्योगों की पैरवी लचर” — पूरन डावर
केंद्रीय फुटवियर एवं चमड़ा विकास परिषद के चेयरमैन और एफमेक के पूर्व अध्यक्ष पूरन डावर ने कहा कि,
“फुटवियर उद्योग सर्वाधिक रोजगार उपलब्ध कराने वाला क्षेत्र है। एफमेक ने सामूहिक प्रयासों से इस उद्योग को नई दिशा दी है, और पारंपरिक क्लस्टर को सशक्त किया है। प्रदेश में अब भी 13 एनओसी लेनी पड़ती हैं, और ये पूरी तरह ऑनलाइन नहीं हैं। इन्हें एकल खिड़की प्रणाली से ऑनलाइन किया जाना चाहिए। कृषि भूमि क्रय की प्रक्रिया को भी सरल बनाया जाए। ताज ट्रिपेजियम जोन (टीटीजेड) में लगाए गए प्रतिबंधों को हटाया जाना चाहिए, क्योंकि सरकार की पैरवी इस मामले में कमजोर है।”
उन्होंने मांग की कि,
“आगरा ट्रेड सेंटर में टेस्टिंग लैब और डिजाइनिंग सुविधाओं को अपग्रेड करने के लिए सरकार को पहल करनी चाहिए।”
निर्यात में वृद्धि पर मंथन की जरूरत : राजेंद्र जालान
चर्म निर्यात परिषद के अध्यक्ष राजेंद्र कुमार जालान ने कहा कि,
“सप्लाई चेन के ईको सिस्टम की कमजोरी के कारण फुटवियर उद्योग पीछे है। हालांकि ‘मीट एट आगरा’ ने इस दिशा में सकारात्मक भूमिका निभाई है, जिससे आगरा, नोएडा और कानपुर को विशेष लाभ मिला है।”
उन्होंने बताया कि,
“विश्व में बिकने वाली वस्तुओं में फुटवियर की हिस्सेदारी 67 प्रतिशत है, जबकि भारत से निर्यात होने वाली वस्तुओं में जूता सातवें स्थान पर है। आगरा का कुल निर्यात करीब 3,800 करोड़ रुपये है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 2.54 करोड़ जोड़ी पर स्थिर है।”
उन्होंने सुझाव दिया कि,
“विदेशी प्रशिक्षकों के माध्यम से स्किल डेवलपमेंट को और मजबूत किया जाए।”
श्री जालान ने जानकारी दी कि,
“हाल ही में प्रदेश में लागू की गई फुटवियर नीति तमिलनाडु से बेहतर मानी जा रही है। इस नीति में भूमि के लिए अनुदान और पूंजी निवेश पर पांच वर्ष में रिटर्न की व्यवस्था है। साथ ही, फुटवियर उद्योग को पर्यावरण की ‘व्हाइट कैटेगरी’ में शामिल किया गया है, जिससे अब इसके लिए किसी एनओसी की आवश्यकता नहीं होगी।”
कार्यक्रम के प्रारंभ में एफमेक अध्यक्ष गोपाल गुप्ता ने मुख्य अतिथि और अन्य अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि,
“निश्चित रूप से यह ‘मीट एट आगरा’ फुटवियर उद्योग को एक नई दिशा प्रदान करेगा।”
मुख्य अतिथि नन्द गोपाल गुप्ता नंदी ने पारंपरिक रूप से घंटा बजाकर तीन दिवसीय मेले का शुभारंभ किया। इसके बाद उन्होंने प्रदर्शनी का भी फीता काटकर उद्घाटन किया। इस अवसर पर एफमेक अध्यक्ष गोपाल गुप्ता ने मंत्री श्री नंदी को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया, जबकि पूर्व अध्यक्ष पूरन डावर ने पौधा भेंट किया। कैप्टन ए.एस. राणा ने स्मृति चिन्ह प्रदान किया।

एफमेक उपाध्यक्ष राजेश सहगल, राजीव वासन, महसचिव प्रदीप वासन, संस्थापक अध्यक्ष दलजीत सिंह एवं महासचिव इफ्कोमा दीपक मनचंदा आदि मंचासीन रहे । अंत में उपाध्यक्ष राजीव वासन ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. तरुण शर्मा ने किया।
पहले दिन आए आंकड़े – उत्साहजनक रही शुरुआत
‘मीट एट आगरा’ के पहले दिन प्रदर्शनी को लेकर उद्योग जगत और आम दर्शकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। आयोजन समिति द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार –
* कुल विजिटर्स: 5,254
* ट्रेड विजिटर्स (व्यावसायिक आगंतुक): 2,871
* भविष्य उद्यमी (स्टूडेंट्स/नवोदित): 840
आयोजकों के अनुसार पहले ही दिन बड़ी संख्या में आगंतुकों की उपस्थिति इस बात का संकेत है कि फुटवियर उद्योग के प्रति लोगों की रुचि लगातार बढ़ रही है। प्रदर्शनी में आए व्यापारी, खरीदार और नए उद्यमियों ने विभिन्न स्टॉल्स पर प्रदर्शित नवीनतम डिज़ाइन, तकनीक और मशीनरी में गहरी रुचि दिखाई।

उत्कृष्ट निर्यात इकाइयों को मिला सम्मान
मीट एट आगरा के समापन अवसर पर विभिन्न श्रेणियों में उत्कृष्ट कार्य करने वाली औद्योगिक इकाइयों और उद्यमियों को सम्मानित किया गया।
निर्यात उत्कृष्टता (Export Excellence Award)
निर्यात में उच्च टर्नओवर के आधार पर तीन इकाइयों को एक्सपोर्ट एक्सीलेंस अवार्ड प्रदान किए गए। यह सम्मान गुप्ता ओवरसीज के चेतन गुप्ता, लाइनर शूज के गौतम मेहरा, और मेट्रो एंड मेट्रो के अजीत कलसी को प्रदान किया गया।
उत्कृष्टता के लिए दिए गए विशेष सम्मान
* लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड – जस एक्सपोर्ट के जसविंदर सिंह खेड़ा
* बेस्ट वूमेन एंटरप्रेन्योर अवार्ड (फुटवियर सेक्टर) – माला खेड़ा
* कंपोनेंट सेक्टर बेस्ट वूमेन एंटरप्रेन्योर अवार्ड – रेणुका डंग
* कंपोनेंट सेक्टर एक्सीलेंस अवार्ड – गौतम मनचंदा
फैक्टरिंग, बैंकिंग और भविष्य निधि पर विशेष सत्र — हर उद्योग के लिए वरदान
‘मीट एट आगरा’ के दूसरे दिन उद्योग जगत के लिए अत्यंत उपयोगी विषयों पर केंद्रित एक विशेष सेमिनार सत्र आयोजित किया जाएगा। इस सत्र में फैक्टरिंग, बैंकिंग, भविष्य निधि (Provident Fund) और ईसीजीसी (Export Credit Guarantee Corporation) जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। कार्यक्रम का उद्देश्य उद्योगों को वित्तीय प्रबंधन, निर्यात सुरक्षा और नकदी प्रवाह (Cash Flow Management) से जुड़ी आधुनिक व्यवस्थाओं की जानकारी प्रदान करना है, जिससे विशेष रूप से सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग (MSME) अधिक सशक्त बन सकें।
फैक्टरिंग पर आयोजित चर्चा में विशेषज्ञ यह बताएंगे कि कैसे उद्यमी अपने बकाया बिलों या इनवॉइस को वित्तीय संस्थानों के माध्यम से तुरंत नकदी में बदल सकते हैं, जिससे पूंजी की कमी दूर होती है और उत्पादन निरंतर जारी रहता है।
बैंकिंग और ईसीजीसी सत्रों में निर्यात से जुड़े वित्तीय जोखिमों, क्रेडिट गारंटी, अंतरराष्ट्रीय भुगतान सुरक्षा और बीमा योजनाओं की जानकारी दी जाएगी। वहीं भविष्य निधि (PF) विषय पर विशेषज्ञ श्रमिक कल्याण और कानूनी अनुपालनों के व्यावहारिक पहलुओं पर प्रकाश डालेंगे। इस बहुआयामी सत्र में वित्त विशेषज्ञ, बैंकिंग प्रतिनिधि, निर्यात सलाहकार और उद्योग संगठनों के पदाधिकारी शामिल होंगे। वे बताएंगे कि इन योजनाओं का प्रभावी उपयोग कर उद्योग कैसे अपनी वित्तीय स्थिति को मज़बूत बना सकते हैं, साथ ही सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं। एफमेक अध्यक्ष गोपाल गुप्ता के अनुसार यह सेमिनार केवल फुटवियर सेक्टर ही नहीं, बल्कि टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर, और एक्सपोर्ट यूनिट्स जैसे सभी औद्योगिक क्षेत्रों के लिए भी अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगा।


“सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि कोई भी निवेशक जब तक उद्योग स्थापित न कर ले, तब तक उसे पूरा सहयोग प्रदान किया जाए। टीटीजेड क्षेत्र के उद्योगों के लिए भी सरकार प्रभावी पैरवी करेगी।”
“सप्लाई चेन के ईको सिस्टम की कमजोरी के कारण फुटवियर उद्योग पीछे है। हालांकि ‘मीट एट आगरा’ ने इस दिशा में सकारात्मक भूमिका निभाई है, जिससे आगरा, नोएडा और कानपुर को विशेष लाभ मिला है।”