कलाकारों ने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ नाट्य पितामह स्व. राजेंद्र रघुवंशी को किया याद
नाट्य पितामह स्व. राजेंद्र रघुवंशी की 103वीं जयंती पर शहर के साहित्यिक और सांस्कृतिक कर्मियों ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए।
ब्रज पत्रिका, आगरा। नाट्य पितामह स्व. राजेंद्र रघुवंशी की 103वीं जयंती के अवसर पर शहर के साहित्यिक और सांस्कृतिक कर्मियों ने उन्हें शिद्दत से याद किया।
20 अप्रैल को सांयकाल मदिया कटरा स्थित कम्युनिस्ट पार्टी और इप्टा के कार्यालय पर आयोजित हुई एक विचार गोष्ठी में आगरा के स्वनामधन्य विद्वान वक्ताओं ने उनके व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में विद्वान वक्ताओं ने कहा कि,
“वह कुशल नाटककार के साथ साहित्यकार और दिग्गज पत्रकार भी थे।”
साहित्यकार अशोक रावत, एमपी दीक्षित, रमेश पंडित, शरद गुप्ता और डॉ. महेश धाकड़ ने कहा कि,
“स्व. रघुवंशी एक व्यक्ति नहीं बल्कि संस्था थे। उन्होंने नाटककारों की एक पौध तैयार की है, जो देश और दुनिया में नाम कमा रही है।”
आगरा इप्टा के कलाकार भगवान स्वरूप योगेंद्र, सुनीता धाकड़, यशोदा सक्सेना, असलम खान, जयकुमार, कमल गोस्वामी, अनुज गोस्वामी, मोहित सिकरवार, बृजेश श्रीवास्तव, राधेश्याम यादव स्वर्गीय रघुवंशी की कृतियों को प्रस्तुत किया। आगरा इप्टा के महासचिव दिलीप रघुवंशी ने स्व. रघुवंशी के जीवन पर प्रकाश डाला।
डॉ. राजीव शर्मा ने उन पर तैयार एक लोकगीत प्रस्तुत किया। सुनीता धाकड़ ने लांगुरिया प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में रविंद्र रघुवंशी, शकील चौहान, मीतेन रघुवंशी, सिद्धार्थ रघुवंशी आदि मौजूद रहे। अंत में धन्यवाद नीतू दीक्षित ने दिया।