UA-204538979-1

दीपक भदौरिया ने ‘जोश प्रोजेक्ट’ में बर्फीले पहाड़ों की गोद में कुदरती नज़ारों की लाइव पेंटिंग बनाकर सबको अचम्भे में डाल दिया! किन्नर और एलजीबीटीक्यू समुदाय के युवाओं ने ‘जोश प्रोजेक्ट’ के तहत ‘माउंट फ़्रेंड्शिप’ की चोटी को किया था फ़तह!

समस्त भारत से 25 सदस्यों ने इसमें पूरे जोश-ओ-खरोश से हिस्सा लिया।

करीब 17,348 फ़ीट की ऊँचाई वाले इस पर्वत पर फ़तह हासिल करने में उनको कुल 12 दिन का समय लगा, जिसको कि तीन पड़ाव में पूरा किया गया।

ललित कला संस्थान आगरा के प्रतिभाशाली पुरातन छात्र दीपक भदौरिया ने ‘जोश प्रोजेक्ट’ में लाइव पेंटिंग बनाकर सबको अचम्भे में डाल दिया।

ब्रज पत्रिका, आगरा। किन्नर और एलजीबीटीक्यू समुदाय की ताक़त ओर योग्यता को प्रदर्शित करने के लिये इस समुदाय द्वारा ‘जोश प्रोजेक्ट’ तैयार किया गया, जिसके अन्तर्गत समस्त भारत से 25 सदस्यों ने इसमें पूरे जोश-ओ-खरोश से हिस्सा लिया, और हिमालय की एक पर्वत श्रृंखला ‘माउंट फ़्रेंड्शिप’ की पीक (चोटी) पर ट्रेनिंग करके उसे फ़तह भी किया।

करीब 17,348 फ़ीट की ऊँचाई वाले इस पर्वत पर फ़तह हासिल करने में उनको कुल 12 दिन का समय लगा, जिसको कि तीन पड़ाव में पूरा किया गया।

इस ‘प्रोजेक्ट जोश’ का पूरा कार्यभार किन्नर अखाड़े की श्री आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी जी ने अपने कंधो पर उठाया था। उनके मार्गदर्शन में दल के सदस्यों ने इस अभियान को सफलता से पूरा किया है। जिसके लिए दल के सभी सदस्यों ने महामंडलेश्वर जी के प्रति आभार भी जताया है।

इसको दिशा देने का कार्य आर्यन पाशा ने भी किया। उल्लेखनीय है कि आर्यन, एशिया के पहले ट्रांस बॉडी बिल्डर हैं। आर्यन ने कहा यह सामाजिक सरोकारों से जुड़ा हुआ अभियान था, इसलिए भी मुझे इससे जुड़कर बहुत खुशी हुई। सभी लोग इस अभियान में बेहद उत्साही थे। सभी के हौसले भी काबिल-ए-तारीफ थे, इसीलिए इस अभियान को सकुशल सम्पन्न कर सके हम।

इस प्रोजेक्ट के गाइड रत्नेश पांडेय रहे, जो कि कई बार एवरेस्ट पर अपनी पताका फहरा चुके हैं। उन्होंने इस जोश प्रोजेक्ट के तहत पूर्ण किए गए रोमांचक अभियान की मुक्त कंठ से सराहना की और अपने अनुभव साझा करते हुए इसको अविस्मरणीय बताया है।

वहीं ललित कला संस्थान आगरा के प्रतिभाशाली पुरातन छात्र दीपक भदौरिया ने भी इसमें हिस्सा लेकर अपना नाम सुनहरे अक्षरों में दर्ज करा लिया है। इस पूरे प्रोजेक्ट जोश को दीपक ने लाइव पेंटिंग बनाकर भी सबको अचम्भे में डाल दिया था।

युवा प्रतिभशाली चित्रकार दीपक भदौरिया ने ब्रज पत्रिका को अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि,

“में पहले भी कई अनूठी पेंटिंग बना चुका हूँ मगर इस बार का अनुभव कुछ खास था, इतनी ऊँचाई पर अपनी रचनात्मकता को जाहिर करने के लिए कैनवास पर कूँची के इस्तेमाल से उन लुभावने प्राकृतिक दृश्यों को उकेरना बिल्कुल कभी भी नहीं भुलाया जाने वाला अनुभव बन गया।”

हालांकि दीपक भदौरिया पहले भी ऐसे कई अचंभित कर देने वाले कार्य करते आए हैं, इस बार यह सामाजिक कार्य हमारे समाज के एक दबे हुए वर्ग को ऊपर उठाने के मक़सद से ही किया गया था, जो कि काफ़ी सराहनीय है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!