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डॉ. हर्षवर्धन ने विश्व स्वास्थ्य दिवस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन को संबोधित किया

वैक्सीन मैत्री के पीछे के मार्गदर्शक सिद्धांत पर डॉ. हर्षवर्धन ने कहा- भारत का वसुधैव कुटुंबकम का पुरातन दर्शन समूचे विश्व को एक परिवार का प्रतीक मानता है।

ब्रज पत्रिका। विश्व स्वास्थ्य दिवस के अवसर पर, केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से विश्व स्वास्थ्य संगठन के दक्षिण पूर्व एशिया क्षेत्रीय कार्यालय को संबोधित किया।

डॉ. हर्षवर्धन ने अपने संबोधन में कहा,

“यह विश्व स्वास्थ्य दिवस, वैश्विक समुदाय के द्वारा एक साथ मिलकर महामारी से जूझने के वर्ष को चिह्नित करता है। इस वर्ष के लिए चयनित विषय, ‘सभी के लिए एक न्यायपूर्ण और स्वस्थ विश्व का निर्माण’,  तभी अधिक उपयुक्त कहा जा सकता है जब इसके लिए हम सभी सामूहिक रूप से यह सुनिश्चित करें कि हमारी नीतियों, कार्यक्रमों और कार्यां को सभी के लिए एक स्वस्थ भविष्य बनाने की दिशा में निर्देशित किया जाए।”

उन्होंने कहा कि,

“यह स्पष्ट हो चुका है कि जनसंख्या का स्वास्थ्य मूलभूत रूप से समाज के भीतर उनकी सामाजिक वस्तुओं और सेवाओं तक उचित पहुंच पर निर्भर है। स्वास्थ्य समानता और सामाजिक न्याय परस्पर रूप से जुड़े हुए हैं।”

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि,

“पिछले वर्ष ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए सार्वभौमिक पहुंच सुनिश्चित करने की आवश्यकता पर ध्यान केंद्रित किया है, जिसमें प्रत्येक नागरिक के लिए उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति के साथ-साथ रक्षात्मक से निवारक तंत्र तक पहुंच में विस्तार किया गया है।”

उन्होंने कहा कि,

“आज आयोजित यह कार्यक्रम स्वास्थ्य मंत्रालय और डब्ल्यूएचओ की एक संयुक्त प्रतिबद्धता है जो एक कारगर स्वास्थ्य प्रणाली के निर्माण के माध्यम से सभी के लिए  स्वास्थ्य को सुनिश्चित करता है।”

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि,

“सार्वभौमिक स्वास्थ्य प्रदान करना प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं की एक मजबूत नींव पर आधारित है, और यह सुनिश्चित करता है कि लोगों को रक्षात्मक से निवारक, पुनर्वास और प्रशामक स्तर तक व्यापक देखभाल सुविधा तक पहुंच प्राप्त हो। भारत ने इसी आधार पर अपने प्रमुख स्वास्थ्य देखभाल आयुष्मान भारत कार्यक्रम का शुभारंभ किया, जिसमें दो घटक हैं।
इसके तहत प्रथम प्रयास को तौर पर प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल और स्वास्थ्य केंद्रों की स्थापना के लिए 1,50,000 स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की स्थापना करना। इसमें स्वास्थ्य सुधार, रोगों की रोकथाम, और सामाजिक विकास के लिए बहु-क्षेत्रीय कार्यों पर ध्यान केंद्रित करते हुए नागरिकों को सक्रिय रूप से भागीदार बनाना शामिल हैं।
दूसरा घटक प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना है, जो द्वितीयक और तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए प्रति वर्ष प्रति परिवार को 5 लाख रुपये का नकदी रहित कवर प्रदान करता है।
50 करोड़ से अधिक नागरिकों के लिए द्वितीयक और तृतीयक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच का आश्वासन स्वास्थ्य सेवाओं के समान प्रावधान की दिशा में एक उल्लेखनीय कदम है।
स्वस्थ भारत और इसी तरह स्वस्थ विश्व विकसित करने में आ रही असमानता को दूर करने के लिए हमें अधिक संगठित और केन्द्रित कार्रवाई करने की आवश्यकता है।”

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मिलकर काम करने, विश्वसनीय डेटा संकलन, असमानता से निपटने और सीमाओं से आगे कार्रवाई करने का आह्वान किया है।

इस संकट के दौर में कोविड-19 के प्रति भारत की कार्रवाई और वैश्विक सहयोग को बढ़ाने में नेतृत्व की भूमिका इस दृष्टिकोण का एक उदाहरण है।

उन्होंने कहा कि,

“इस महामारी से निपटने के लिए हमने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर काम किया है। मेड-इन-इंडिया कोविड-19 वैक्सीन हमारी वैक्सीन मैत्री पहल के माध्यम से 80 से अधिक देशों को दी जा रही हैं, यह विश्व भर में वैक्सीन वितरण में असमानता को दूर करने की दिशा में एक प्रमुख कदम है।”

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ का भारत का दर्शन ‘समूचा विश्व एक परिवार है’ का द्योतक है।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि हमने सदैव इसमें विश्वास किया है और हमारी कार्रवाई इसी तथ्य को स्पष्ट करती है। विश्व इस दर्शन को अधिक अपना रहा है और यह एक अनुकूल और स्वस्थ विश्व की दिशा में हमारी प्रगति में तेजी लाएगा।

हमें कोविड-19 से मिली सीख को व्यर्थ नहीं जाने देना चाहिए, क्योंकि इससे स्वास्थ्य नीतियों में दूरदर्शी परिवर्तन सामने आए हैं।

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि,

“प्रभावी सार्वजनिक जोखिम संचार से गैर-कोविड आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को सुनिश्चित करने तक, वैक्सीन तक तेजी से पहुंच के लिए भारत और वैश्विक समुदाय ने यह प्रदर्शित किया है कि प्रभावी भागीदारी के साथ अत्यंत उपेक्षित लोगों तक पहुंच पर एकाग्र फोकस दिए जाने से सीमाओं की बाधा समाप्त होगी और हमें सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज के समीप ले जाएगी।”

डॉ. हर्षवर्धन ने कहा कि,

“विश्व स्वास्थ्य दिवस 2021 के अवसर पर मैं भारत सरकार की ओर से फिर से स्पष्ट करना चाहता हूं कि सभी लोगों और सभी समुदायों को जहां और जब आवश्यक हो ऐसी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं तक बिना किसी वित्तीय कठिनाई के पहुंच सुनिश्चित करने की हमारी प्रतिबद्धता हमें एक अनुकूल और स्वस्थ विश्व विकसित करने की दिशा में आगे ले जाएगी।”

डॉ. हर्षवर्धन ने सभी के बेहतर स्वास्थ्य के लिए अपनी शुभकामनाएं देते हुए धन्यवाद दिया।

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